एक अकेला आय तै, जाबे तै हर एक । का गवाय का पाय हस, ध्यान लगा के देख । ध्यान लगा के देख, करे काखर हस तै जै । मनखे चोला पाय, बने हस का मनखे तै ।। मनखेपन भगवान, जेन हा लगय झमेला । पूजे का भगवान, होय तै एक अकेला ।। -रमेश चौहान
लखनऊ की जीवंत सांस्कृतिक परम्परा है “मेटाफर लिटफेस्ट
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डॉ अलका सिंह, शिक्षक, डॉ राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविधालय, लखनऊ
साहित्य संस्कृतियों का परिचायक है और संस्कृतियां साहित्य की श्रीवृद्धि करती
हैं।...
4 दिन पहले