होरी गीत(सार छंद) होरी हे होरी हे होरी, रंग मया के होरी । अपन मया के रंग रंग दे, ये बालम बरजोरी ।। मया बिना जग सुन्ना लागे, जइसे घर धंधाये । जतका रंग मया के होथे, मन मा मोर समाये ।। कतका दिन ले आरूग राखॅव, मया चबेना होगे । काली के फूल डोहड़ी हा, फूल कैयना होगे । मन के दरपण तैं हा बइठे, करे करेजा चोरी । होरी हे होरी हे होरी ........ साटी बिछिया खिनवा मोरे, दिन रात गोहराये । ऑंखी के आंजे काजर हा, मोही ला भरमाये ।। कतका दिन के रद्दा जोहत, बेरा अइसन आये । राधा के बनवारी कान्हा, बसुरी आज बजाये ।। ये मोरे तैं करिया बिलवा, रंग मोर मुॅह गोरी । होरी हे होरी हे होरी......
छत्तीसगढ़ी म भागवत कथा भाग-6.परिक्षित के गर्भ मा रक्षा
-
‘छत्तीसगढ़ी म भागवत कथा’ एक महाकाव्य के रूप म लिखे जात हे ऐला धीरे-धीरे
कई भाग म प्रकाशित करे जाही । एला श्रीमद्भागवत अउ सुखसागर आधार ग्रंथ ले के
छत्तीस...
3 दिन पहले