बड़े आदमी कोन हे, सोचे के हे बात ।
बात धरे हे एक झन, एक सुने बिन जात ।
जात एक रद्दा अपन, दूसर अंते जाय ।
जाय नही अइसन डहर, मनखे जेन बनात ।
छत्तीसगढ़ी बोल हे, बोरे-बासी भात ।
भात हमन ला घात हे, हमर पेट भर जात ।।
जात जात के खाव मत, तोर पिराही पेट ।
पेट भरे बर सोच मत, खा ले बासी भात ।।
बात धरे हे एक झन, एक सुने बिन जात ।
जात एक रद्दा अपन, दूसर अंते जाय ।
जाय नही अइसन डहर, मनखे जेन बनात ।
छत्तीसगढ़ी बोल हे, बोरे-बासी भात ।
भात हमन ला घात हे, हमर पेट भर जात ।।
जात जात के खाव मत, तोर पिराही पेट ।
पेट भरे बर सोच मत, खा ले बासी भात ।।
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