नेता मन के देख खजाना, वोटर कहय चोर हे नेता वोटर ले पूछत हे, का ये देश तोर हे वोट दारु पइसा मा बेचस, बेचस लोभ फेर मा सोच समझ के कोनो कहि दै, कोन हराम खोर हे बंद दारु भठ्ठी होही कहिके, महिला हमर गाँव के वोट अपन सब जुरमिल डारिन, खोजत खुशी छाँव के रेट दारु के उल्टा बाढ़े, झगरा आज बाढ़ गे गोठ लबारी लबरा हावय, नेता हमर ठाँव के बिजली बिल हाँफ कहत कहत, बिजली ये हा हाँफ होगे करजा माफ होइस के नहीँ, बेईमानी हा माफ होगे भाग जागीस तेखर जागीस, बाकी मन हा करम छढ़हा करजा अउ ये बिल के चक्कर, अंजोरे हा साफ होगे फोकट के हा फोकट होथे सुख ले जादा दुख ला बोथे जेन समय मा समझ ना पावय पाछू बेरा मुड़ धर रोथे फोकट पाये के लालच देखे, नेता पहिली ले हुसियार होगे । कोरी-खइखा मुसवा ला देखे, नेता मन ह बनबिलार होगे लालच के घानी बइला फांदे, गुड़ के भेली बनावत मन भर वोटर एकोकन गम नई पाइस, कब ठाढ़े ठाढ़े कुसियार होगे