सरकारी सम्मान के, काला हे सम्मान । कोन नई जानत हवय, का येखर पहिचान । का येखर पहिचान, खुदे ला दे डारे हें । भाइ भतीजावाद, देख के निरवारे हें । बनय खुसामदखोर, तेखरे आथे पारी । अइसन के सम्मान, कहाथे गा सरकारी ।। -रमेश चौहान
पुस्तक: मानसिक शक्ति-स्वामी शिवानंद
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मानसिक शक्ति THOUGHT POWER का अविकल रूपान्तर लेखक श्री स्वामी शिवानन्द
सरस्वती
3 माह पहले