फोकट मा झन बाँट तैं, हमर चुने सरकार ।
देना हे ता काम दे, जेन हमर अधिकार ।।
जेन हमर अधिकार, तोर कर्तव्य कहाये ।
स्वाभिमान ला मार, सबो ला ढोर बनाये ।।
पैरा-भूसा डार, अपन बरदी मा ठोकत ।
लालच हमर जगाय, लोभ मा बाँटत फोकट ।।
फोकट फोकट खाृय के, मनखे होत अलाल ।
स्वाभिमान हा मरत हे, काला होत मलाल ।।
काला होत मलाल, निठल्ला हवय जवानी ।
काम-बुता ना हाथ, करत शेखी शैतानी ।
पइसा पावय चार, अपन जांगर ला झोकत ।
अइसे करव उपाय, बाँट मत अब कुछु फोकट ।।
-रमेशकुमार सिंह चौहान
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें