छबि छंद 8 मात्रा पदांत 121 धरती हमार । तैं हर सवार हमरे मितान । आवस किसान कर ले न चेत । जाके ग खेत जांगर ल टोर । माटी म बोर ओ खेत खार । धनहा कछार बसथे ग जान । बाते ल मान नांगर ल जोत । तन मन ल धोत अर अर तता त । अर अर तता त उबजहि ग धान । सीना ल तान घात लहरात । घात ममहात पीरा ल मेट । भरही ग पेट जांगर तुहार । जीवन हमार गाबो ग गीत । तैं हमर मीत जय जय किसान । तैं ह भगवान
महाकुंभ 2025: प्रयागराज में आस्था और संस्कृति का महासंगम
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प्रयागराज, जिसे त्रिवेणी संगम के लिए जाना जाता है, इस वर्ष महाकुंभ के पावन
अवसर पर लाखों श्रद्धालुओं, साधु-संतों और पर्यटकों का स्वागत कर रहा है।
महाकुंभ क...
1 हफ़्ते पहले