भाखा तै अपन तोल । सोच समझ फेर बोल
एक गोठ करे घाव । दूसर जगाये चाव
कोयली के हे नाम । कउवा हवे बदनाम
करू कस्सा तैं छोड़ । मीठ ले नाता जोड़
गोठ सुन बैरी होय । संगी कहाये जोय
अनचिन्हार हे गांव । काबर तैं करे कांव
तैं गुरतुर बने बोल । अपने करेजा खोल
रूख राई घला तोर । बोले जब मया घोर
खोजे मया इंसान । मया म मिले भगवान
मया बनाये महान । मया बिन तै शैतान
एक गोठ करे घाव । दूसर जगाये चाव
कोयली के हे नाम । कउवा हवे बदनाम
करू कस्सा तैं छोड़ । मीठ ले नाता जोड़
गोठ सुन बैरी होय । संगी कहाये जोय
अनचिन्हार हे गांव । काबर तैं करे कांव
तैं गुरतुर बने बोल । अपने करेजा खोल
रूख राई घला तोर । बोले जब मया घोर
खोजे मया इंसान । मया म मिले भगवान
मया बनाये महान । मया बिन तै शैतान
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