पढ़ई लिखई सीख के, अपन बदल ले सोच । ज्ञान बाह भर समेट के, माथा कलगी खोच ।। माथा कलगी खोच, दया उपकार अहिंसा । तोर मोर ला छोड़, मया कर ले हरहिंछा ।। मया आय गा नेह, चलव ऐमा घर बनई । ऊंच नीच के भेद, मेटथे पढ़ई लिखई ।।
छत्तीसगढ़ी म भागवत कथा भाग-6.परिक्षित के गर्भ मा रक्षा
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‘छत्तीसगढ़ी म भागवत कथा’ एक महाकाव्य के रूप म लिखे जात हे ऐला धीरे-धीरे
कई भाग म प्रकाशित करे जाही । एला श्रीमद्भागवत अउ सुखसागर आधार ग्रंथ ले के
छत्तीस...
4 दिन पहले