1. बिलवा तोरेे ये मया, होगे जी जंजाल ।
पढ़ई लिखई छूट गे, होगे बारा हाल ।।
होगे बारा हाल, परीक्षा म फेल होके ।
जेल बने घर द्वार, ददा हा रद्दा रोके ।।
पहरा चारो पहर, अंगना लागे डिलवा ।
कइसे होही मेल, संग तोरे रे बिलवा ।।
2. मना दुनो दाई ददा, करबो हमन बिहाव
देखाबो दिल खोल के, अपन मया अउ भाव ।
अपन मया अउ भाव, कहव हम कइसे रहिबो ।
कहव मया ला देख, कहे तुहरे हम करबो।।
सुन के हमरे बात, ददा दाई कहे ह ना।
करबो तुहार बिहाव, करय कोनो न अब मना ।।
-रमेश चौहान
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