रद्दा जोहत हन हमन, आजा माखन चोर । तोर बिना बिलवा कहूं, लगे न मन हा मोर ।। तोरे मूरत देख के, आंखी म आसुु आय। मोर-मुकुट मुड़ मा हवय, मुॅह बसरी हा भाय ।। सुन सुन लीला तोर तो, नाचे मनुवा मोर । रद्दा जोहत हन हमन... अपन भगत बर तैं करे, बाल-चरित ब्रजधाम । लइका सियान तोर तो, धरे मोहना नाम ।। तोरे सुरता रात दिन, करे करेजा षोर । रद्दा जोहत हन हमन... भेट करे के आस मा, मोर चलत हे सास । आज नही ता काल तैं, रखबे मोरे आस ।। तोर हाथ मा तो हवय, मोरे जीवन डोर ।। रद्दा जोहत हन हमन...
पुस्तक: मानसिक शक्ति-स्वामी शिवानंद
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मानसिक शक्ति THOUGHT POWER का अविकल रूपान्तर लेखक श्री स्वामी शिवानन्द
सरस्वती
3 माह पहले