1. जतका महिमा हे कहे, गुरू मन के सब वेद ।
एक्को लक्षण ना दिखय, आज होत हे खेद ।।
2. आत्म ज्ञान ला छोड़ के, अपने नाम रटाय ।
दान-मान ला पाय के, कोठी बड़े बनाय ।।
3. आत्म-ज्ञान काला कथे, हमला कोन बताय ।
कहां आत्म ज्ञानी हवय, हमला कोन लखाय ।।
4. ज्ञान हवे का ओखरे, जाने गा भगवान ।
बड़का ओखर ले कहां, जग मा हे धनवान ।।
5. अपन धरम ला काट के, गढ़े हवे नव पंथ ।
जेला चेला मन कहय, नवाचरण के कंथ ।।
6. जेन पेड़ के डार हे, जर ल ओखरे काट ।
संत घला कहावत हे, मनखे मनखे बाट।।
एक्को लक्षण ना दिखय, आज होत हे खेद ।।
2. आत्म ज्ञान ला छोड़ के, अपने नाम रटाय ।
दान-मान ला पाय के, कोठी बड़े बनाय ।।
3. आत्म-ज्ञान काला कथे, हमला कोन बताय ।
कहां आत्म ज्ञानी हवय, हमला कोन लखाय ।।
4. ज्ञान हवे का ओखरे, जाने गा भगवान ।
बड़का ओखर ले कहां, जग मा हे धनवान ।।
5. अपन धरम ला काट के, गढ़े हवे नव पंथ ।
जेला चेला मन कहय, नवाचरण के कंथ ।।
6. जेन पेड़ के डार हे, जर ल ओखरे काट ।
संत घला कहावत हे, मनखे मनखे बाट।।
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