भाषा अपन बिगाड़ मत, देखा- शे खी आन कहाये । देवनागरी के सबो, बावन अक्षर घात सुहाये ।। छत्तीसगढ़ी मा भरव, सबो वर्ण ले शब्द बनाए । कदर बाढ़ही एखरे , तत्सम आखर घला चलाए ।। पढ़े- लिखे अब सब हवय, उच्चारण ला पोठ बनाही। दूसर भाषा संग तब, अपने भाषा हाथ मिलाही । करव मानकीकरण अब, कलमकार सब एक कहाये । पोठ करव लइका अपन, भाषा अपने पोठ धराये ।।
छत्तीसगढ़ी म भागवत कथा भाग-6.परिक्षित के गर्भ मा रक्षा
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‘छत्तीसगढ़ी म भागवत कथा’ एक महाकाव्य के रूप म लिखे जात हे ऐला धीरे-धीरे
कई भाग म प्रकाशित करे जाही । एला श्रीमद्भागवत अउ सुखसागर आधार ग्रंथ ले के
छत्तीस...
4 दिन पहले