घात प्रश्न तो आज खड़े हे, कोन देश ला जोरे ।
भार भरोसा जेखर होथे, ओही हमला टोरे ।।
नेता-नेता बैरी दिखथे, आगी जेन लगाथे ।
सेना के जे गलती देखे, आतंकी ला भाथे ।।
काला घिनहा-बने कहँव मैं, एके चट्टा-बट्टा ।
सत्ता धरके दिखे जोजवा, पाछू हट्टा-कट्टा ।।
देश पृथ्ककारी के येही, रक्षा काबर करथे ।
बैरी मन के देख-रेख मा, हमरे पइसा भरथे ।।
देश पृथ्ककारी हे जेने, ओला येही पोसे ।
दोष अपन तो देख सकय ना, दूसर भर ला कोसे ।।
थांघा आवय आतंकी मन, पेड़ अलगाववादी ।
जड़ ले काटव अइसन रूखवा, छोड़ शांति के खादी ।।
भार भरोसा जेखर होथे, ओही हमला टोरे ।।
नेता-नेता बैरी दिखथे, आगी जेन लगाथे ।
सेना के जे गलती देखे, आतंकी ला भाथे ।।
काला घिनहा-बने कहँव मैं, एके चट्टा-बट्टा ।
सत्ता धरके दिखे जोजवा, पाछू हट्टा-कट्टा ।।
देश पृथ्ककारी के येही, रक्षा काबर करथे ।
बैरी मन के देख-रेख मा, हमरे पइसा भरथे ।।
देश पृथ्ककारी हे जेने, ओला येही पोसे ।
दोष अपन तो देख सकय ना, दूसर भर ला कोसे ।।
थांघा आवय आतंकी मन, पेड़ अलगाववादी ।
जड़ ले काटव अइसन रूखवा, छोड़ शांति के खादी ।।
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