डमरू घनाक्षरी (32 वर्ण लघु) सुनत-गुनत चुप, सहत-रहत गुप दुख मन न छुवत, दुखित रहय तन । बम-बम हर-हर, शिव चरण गहत, शिव-शिव शिव अस, जग दुख भर मन ।। समय-समय गुन, परख-परख रख भगत जुगल कर, शिव पद रख तन । हरियर-हरियर, ठउर-ठउर सब हरियर-हरियर, दिखय सबन मन ।। -रमेश चैहान
छत्तीसगढ़ी म भागवत कथा भाग-6.परिक्षित के गर्भ मा रक्षा
-
‘छत्तीसगढ़ी म भागवत कथा’ एक महाकाव्य के रूप म लिखे जात हे ऐला धीरे-धीरे
कई भाग म प्रकाशित करे जाही । एला श्रीमद्भागवत अउ सुखसागर आधार ग्रंथ ले के
छत्तीस...
3 दिन पहले