गोरी सुरता तोर ओ, हरे निंद अउ भूख ।
तोर अगोरा मैं खड़े, ठाड़े जइसे रूख ।।
ठाड़े जइसे रूख, रात दिन अपन ठिकाना ।
चातक मैं होगेंव, बूॅंद स्वाती बन आना ।
हिरदय नइ हे देह, करे हस ऐखर चोरी ।
हवे अगोरा तोर, करेजा बन आ गोरी ।।
-रमेश चौहान
मिश्रापारा, नवागढ
जिला-बेमेतरा
09977069545
तोर अगोरा मैं खड़े, ठाड़े जइसे रूख ।।
ठाड़े जइसे रूख, रात दिन अपन ठिकाना ।
चातक मैं होगेंव, बूॅंद स्वाती बन आना ।
हिरदय नइ हे देह, करे हस ऐखर चोरी ।
हवे अगोरा तोर, करेजा बन आ गोरी ।।
-रमेश चौहान
मिश्रापारा, नवागढ
जिला-बेमेतरा
09977069545
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें