मुच मुच मुचई गोरी तोर
करेजा मा महुवा पागे मोर ।
सुन सुन के बोली धनी तोर
तन मन मा नशा छागे मोर ।
चंदा देख देख लुकावत हे,छोटे बड़े मुॅह बनावत हे,
एकसस्सू दमकत, एकसस्सू दमकत,
गोरी चेहरा तोर ।। करेजा मा महुवा पागे मोर
बनवारी कस रिझावत हे
मन ले मन ला चोरावत हे,
घातेच मोहत, घातेच मोहत,
सावरिया सूरत तोर ।
तन मन मा नशा छागे मोर
मारत हे हिलोर जस लहरा सागर कस कइसन गहरा
सिरतुन मा, सिरतुन मा,
अंतस मया गोरी तोर ।।
करेजा मा महुवा पागे मोर
करेजा मा महुवा पागे मोर ।
छाय हवय कस बदरा
आंखी समाय जस कजरा
मोरे मन मा, मोरे मन मा
जादू मया तोर ।
तन मन मा नशा छागे मोर
मुच मुच मुचई गोरी तोरकरेजा मा महुवा पागे मोर ।
सुन सुन के बोली धनी तोर
तन मन मा नशा छागे मोर ।
मुच मुच मुचई गोरी तोर
करेजा मा महुवा पागे मोर ।
सुन सुन के बोली धनी तोर
तन मन मा नशा छागे मोर ।
-रमेशकुमार सिंह चैहान
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