मनखे के सुभाव मोर तोर तोर मोर पोर पोर हे घुरे मोर तोर तोर मोर के सुभाव हा चुरे लोभ मोह लोक लाज छोड़ तान अड़े खोर खोर के गली गली ल छेक तैं खड़े
“बाबा विश्वैश्वर नाथ की महिमा”-अर्जुन दूबे
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(उपरोक्तत आलेख मान्यता के आधार पर मेरे गांव के गाँव के ब्रह्मलीन बाबा
विश्वैश्वर नाथ के प्रति सम्मान सहित संस्मरण है।-प्रोफेसर अर्जुन दूबे) मैं
जिसकी महिमा...
12 घंटे पहले