1. आमा रस कस प्रेम हे, गोही कस हे बैर । गोही तै हर फेक दे, होही मनखे के खैर ।। 2. लालच अइसन हे बला, जेन परे पछताय । फसके मछरी गरी मा, अपन जाने गवाय ।। 3. अपन करम गति भोग बे, भोगे हे भगवान । बिंदा के ओ श्राप ले, बनगे सालिक राम ।। 4. करम बड़े के भाग हा, जोरव ऐखर ताग । नगदी पइसा कस करम, कोठी जोरे भाग ।। 5. लाश जरत तै देख के, का सोचे इंसान । ऐखर बारी हे आज गा, काली अपन ल जान ।। -रमेश
छत्तीसगढ़ी म भागवत कथा भाग-6.परिक्षित के गर्भ मा रक्षा
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‘छत्तीसगढ़ी म भागवत कथा’ एक महाकाव्य के रूप म लिखे जात हे ऐला धीरे-धीरे
कई भाग म प्रकाशित करे जाही । एला श्रीमद्भागवत अउ सुखसागर आधार ग्रंथ ले के
छत्तीस...
4 दिन पहले