1. आमा रस कस प्रेम हे, गोही कस हे बैर ।
गोही तै हर फेक दे, होही मनखे के खैर ।।
2. लालच अइसन हे बला, जेन परे पछताय ।
फसके मछरी गरी मा, अपन जाने गवाय ।।
3. अपन करम गति भोग बे, भोगे हे भगवान ।
बिंदा के ओ श्राप ले, बनगे सालिक राम ।।
4. करम बड़े के भाग हा, जोरव ऐखर ताग ।
नगदी पइसा कस करम, कोठी जोरे भाग ।।
5. लाश जरत तै देख के, का सोचे इंसान ।
ऐखर बारी हे आज गा, काली अपन ल जान ।।
-रमेश
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