1.
झांक तो सही
अपन अंतस ला
फेर देखबे
दुनिया के गलती
कतका उथली हे ।
2.
बारी बखरी
खेत खार परिया
घाट घठौन्धा
कुॅंआ अऊ तरिया
सरग कस गांव हे ।
3.
हो जाथे मया
बिना छांटे निमेरे
काबर फेर
खोजत हस जोही
हाथ मा दिल हेरे ।
छत्तीसगढ़ी भाषा अउ छत्तीसगढ़ के धरोहर ल समर्पित रमेशकुमार सिंह चौहान के छत्तीसगढ़ी छंद कविता के कोठी ( rkdevendra.blogspot.com) छत्तीसगढ़ी म छंद विधा ल प्रोत्साहित करे बर बनाए गए हे । इहॉं आप मात्रिक छंद दोहा, चौपाई आदि और वार्णिक छंद के संगेसंग गजल, तुकांत अउ अतुकांत कविता पढ़ सकत हंव ।
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