चल चली खोर मा, बिहनिया भोर मा, गाँव के छोर मा, खेल हम खेलबो । मुबाइल छोड़ के, मन ला मरोड़ के, सबो ला जोड़ के, संग मा ढेलबो ।। चार झन संग मा, पचरंग रंग मा, खेल के ढंग मा, डंडा ल पेलबो । छू छू-छुवाल के, ओखरे चाल के, मन अपन पाल के, दाँव ला झेलबो ।। -रमेश चौहान
छत्तीसगढ़ी म भागवत कथा भाग-6.परिक्षित के गर्भ मा रक्षा
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‘छत्तीसगढ़ी म भागवत कथा’ एक महाकाव्य के रूप म लिखे जात हे ऐला धीरे-धीरे
कई भाग म प्रकाशित करे जाही । एला श्रीमद्भागवत अउ सुखसागर आधार ग्रंथ ले के
छत्तीस...
5 दिन पहले