धनिया जइसे हर हाथ म गमकत सब संग हमारी मितानी हे छत्तीस राग के संगत खैरागढ़ चिन्हारी हे महानदी शिवनाथ खारून अरपा पैरी मनीहारी हे उदभट रद्दा कांटा-खुटी भरे हमर जवानी हे देह पसीना के नदिया नरवा मन धरम-करम के गंगा जमुना चाहे सुरूज टघलय के बादर फूटय थिर-थिरावट हा हमर पहुना चाल-चलन पइसा ले बड़का अइसे गोठ सियानी हे -रमेश चौहान
छत्तीसगढ़ी म भागवत कथा भाग-6.परिक्षित के गर्भ मा रक्षा
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‘छत्तीसगढ़ी म भागवत कथा’ एक महाकाव्य के रूप म लिखे जात हे ऐला धीरे-धीरे
कई भाग म प्रकाशित करे जाही । एला श्रीमद्भागवत अउ सुखसागर आधार ग्रंथ ले के
छत्तीस...
2 दिन पहले