होली के उमंग (त्रिभंगी छंद) हे होली उमंग, धरे सब रंग, आनी बानी, खुुुुशी भरे । ले के पिचकारी, सबो दुवारी, लइका ताने, हाथ धरे ।। मल दे गुलाल, हवे रे गाल, कोरा कोरा, जेन हवे। वो करे तंग, मया के रंग, तन मन तोरे, मोर हवे ।।
बाल कविता – नन्ही सी दुनिया बसाये (भाग-4)- सुधा वर्मा
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भोलेपल और मासूमियत से भरा होता है। वह बोलना सीखता है। वाक्य बनाना सीखता
है। कुछ कल्पनायें करता है । फिर उस कल्पना को साकार करना चाहता है। कभी कभी
यह कल्पन...
10 घंटे पहले