होली के उमंग (त्रिभंगी छंद) हे होली उमंग, धरे सब रंग, आनी बानी, खुुुुशी भरे । ले के पिचकारी, सबो दुवारी, लइका ताने, हाथ धरे ।। मल दे गुलाल, हवे रे गाल, कोरा कोरा, जेन हवे। वो करे तंग, मया के रंग, तन मन तोरे, मोर हवे ।।
एक लघु आलेख:अब युद्ध क्यों होते हैं? – डॉ. अर्जुन दूबे
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त्रेता युग में रचा गया राम-रावण युद्ध भारतीय इतिहास की उस पहली महान कथा का
रूप ले चुका है, जिसमें धर्म और अधर्म के बीच की रेखा स्पष्ट खींच दी…
1 हफ़्ते पहले