बस्तर के मोरे भुंईया, हवय छत्तीसगढ़ के शान ।
जंगल झाड़ी डोंगरी जिहां, हवे छत्तीसगढ़ के आन ।।
बस्तरिहा मन भोला भाला, जइसे गा भोला भगवान ।
ऊघरा रही करे गुजारा, संकट मा हे इखर परान ।।
जब ले इहां नकसली आगे, जागे हे नकसली जमात ।
छानही म जस भुंजय होरा, मचाय हवंय बड़ उत्पात ।।
छोटे बड़े सबो मनखे के, बोकरा कस करे ग हलाल ।
सरकार असहाय कस लागे, हाथ मिंज के करे मलाल ।।
बैरी अब तो सिर चढ़ नाचे, मचे हवय गा हाहाकार ।
नेता जवान सबो मरत हे, घात लगा जब करे प्रहार ।।
लुका-लुका के इन लड़त हवे, अपन आप बहादुर बताय ।
फोकट फोकट के मनखे ला, काबर एमन मार गिराय ।।
कब तक हम सब देखत रहिबो, टुकुर टुकुर जस ध्यान लगाय ।
पापी के जर नाश करे बर, कइसे हम सब करी उपाय ।।
छाती मा आगी दहकत हे, धनुष बाण अब लौव उठाव ।
शांति बर अब फेर लड़ना हे, जुझारू बाजा ल फेर बजाव ।।
जंगल झाड़ी डोंगरी जिहां, हवे छत्तीसगढ़ के आन ।।
बस्तरिहा मन भोला भाला, जइसे गा भोला भगवान ।
ऊघरा रही करे गुजारा, संकट मा हे इखर परान ।।
जब ले इहां नकसली आगे, जागे हे नकसली जमात ।
छानही म जस भुंजय होरा, मचाय हवंय बड़ उत्पात ।।
छोटे बड़े सबो मनखे के, बोकरा कस करे ग हलाल ।
सरकार असहाय कस लागे, हाथ मिंज के करे मलाल ।।
बैरी अब तो सिर चढ़ नाचे, मचे हवय गा हाहाकार ।
नेता जवान सबो मरत हे, घात लगा जब करे प्रहार ।।
लुका-लुका के इन लड़त हवे, अपन आप बहादुर बताय ।
फोकट फोकट के मनखे ला, काबर एमन मार गिराय ।।
कब तक हम सब देखत रहिबो, टुकुर टुकुर जस ध्यान लगाय ।
पापी के जर नाश करे बर, कइसे हम सब करी उपाय ।।
छाती मा आगी दहकत हे, धनुष बाण अब लौव उठाव ।
शांति बर अब फेर लड़ना हे, जुझारू बाजा ल फेर बजाव ।।
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