ऊपर वाले हा ढिलत नई हे हमरे भाखा ओ लिलत नई हे सेप्टिक बर आवय कहां ले पीये बर पानी मिलत नई हे -रमेश चौहान
व्यंग्य:कायेको झगड़ा भैया,करो सबसे प्रीत रे-विनोद नायक
-
॥ कायेको झगड़ा भैया,करो सबसे प्रीत रे ॥ झगड़ा हो तो उसकी जड़ भी हो वरना
बिना जड़ के झगड़े ऐसे होते जैसे बिना मतलब के कुत्ते के मुँह में डण्डी
चलाना। जब डण्...
2 दिन पहले