आजादी के माला जपत
काबर उलम्बा होवत हे
एक रूख के थांघा होके,
अलग-अलग डोलत हे
एक गीत के सुर-ताल मा,
अलगे बोली बोलत हे
देश भक्ति के होली भूंज के
होरा कस खोवत हे
विरोध करे के नाम म
मूंदें हे आँखी-कान
अपने देष ला गारी देके
मारत हावय शान
राजनीति के गुस्सा ला
देशद्रोह म धोवत हे
अपन अधिकार बर घेरी-घेरी
जेन हा नगाड़ा ढोकय
कर्तव्य करे के पारी मा
डफली ला घला रोकय
आजादी के निरमल पानी मा
जहर-महुरा घोरत हे
गांव के गली परीया
कतका झन मन छेके हे
देश गांव के विकास के रद्दा
कतका झन मन रोके हे
अइसन लइका ला देख-देख
भारत भुईंया रोवत हे
काबर उलम्बा होवत हे
एक रूख के थांघा होके,
अलग-अलग डोलत हे
एक गीत के सुर-ताल मा,
अलगे बोली बोलत हे
देश भक्ति के होली भूंज के
होरा कस खोवत हे
विरोध करे के नाम म
मूंदें हे आँखी-कान
अपने देष ला गारी देके
मारत हावय शान
राजनीति के गुस्सा ला
देशद्रोह म धोवत हे
अपन अधिकार बर घेरी-घेरी
जेन हा नगाड़ा ढोकय
कर्तव्य करे के पारी मा
डफली ला घला रोकय
आजादी के निरमल पानी मा
जहर-महुरा घोरत हे
गांव के गली परीया
कतका झन मन छेके हे
देश गांव के विकास के रद्दा
कतका झन मन रोके हे
अइसन लइका ला देख-देख
भारत भुईंया रोवत हे
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