जर भुंजा गे खेत मा, बोये हमरे धान ।
तन लेसागे हे हमर, कइसे जी भगवान ।।
तन लेसागे हे हमर, कइसे जी भगवान ।।
तरसत हन हम बूंद बर, धरती गे हे सूख ।
बरस आय ये तीसरा, पीयासे हे रूख ।।
ठोम्हा भर पानी नही, कइसे रखब परान ।
तन लेसागे हे हमर, कइसे जी भगवान ।।
बरस आय ये तीसरा, पीयासे हे रूख ।।
ठोम्हा भर पानी नही, कइसे रखब परान ।
तन लेसागे हे हमर, कइसे जी भगवान ।।
खेत-खार पटपर परे, फूटे हवय दरार ।
नदिया तरिया नल कुँवा, सुख्खा हावे झार ।।
हउला बाल्टी डेचकी, मूंदे आँखी कान ।
तन लेसागे हे हमर, कइसे जी भगवान ।।
नदिया तरिया नल कुँवा, सुख्खा हावे झार ।।
हउला बाल्टी डेचकी, मूंदे आँखी कान ।
तन लेसागे हे हमर, कइसे जी भगवान ।।
बादर होगे दोगला, मनखे जइसे आज ।
चीं-ची चिरई मन कहय, पापी मन के राज ।।
मनखे हावय लालची, बेजाकब्जा तान ।
तन लेसागे हे हमर, कइसे जी भगवान ।।
चीं-ची चिरई मन कहय, पापी मन के राज ।।
मनखे हावय लालची, बेजाकब्जा तान ।
तन लेसागे हे हमर, कइसे जी भगवान ।।
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