चित्र गुगल से साभार /तुकबंदी/ भाईदूज के दिन , मइके जाहूँ कहिके बाई बिबतियाये रहिस तिहार-बार के लरब ले झूकब बने अइसे सियानमन सिखाये रहिस जब मैं पहुँचेवँ ससुरार, गाँव मातर मा बउराये रहिस । घर मोहाटी देखेंवँ ऊहाँ सारा के सारा आये रहिस । भाईदूज के कलेवा झड़के, माथा मा चंदन-चोवा लगाये रहिस येहूँ जाके अपन भाई के पूजा कर दू-चारठन रसगुल्ला खवाय रहिस आज कहत हे भाई मोला सौ रुपया देइस अउ अपन सारा बर पेंट-कुरथा लाये रहिस -रमेश चौहान
धार्मिक एवं सांस्कृतिक सनातनी भारत – मेरे दृष्टिकोण से– डॉ. अर्जुन दुबे
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हमारे प्राचीन धर्म ग्रंथों में 51 शक्तिपीठों और द्वादश ज्योतिर्लिंगों का
उल्लेख मिलता है। हिन्दू श्रद्धालु पीढ़ियों से इन स्थलों के दर्शनार्थ जाते
रहे हैं,...
1 हफ़्ते पहले