मोर मन ल इही ह भाये हे कोनो परी ल अब का देखव ।
ओखर सिरत ले मन गदगदाये हे सुरत ल अब का देखव ।।
जब ले जाने हव ओला अपन सुरता कहां हे मोला ..
मोर अंतस म होही समाय हे मुहाटी ल अब का देखव ।।
जइसे मोर छांव मोर संग रेंगथे सुटुर सुटुर.........
मोर मन करथे धुकुर धुकुर ओखर मन ल अब का देखव ।।
चंदा के संगे संग चांदनी चंदा ल देखे चकोर....
पतंगा के दिया संग जरई अपन जरई ल अब का देखव ।।
मोर मया ओखर बर ओखर मया मोर बर.
मया घुर गे जस शक्कर म पानी अपन पानी ल अब का देखव ।।
............‘‘रमेश‘‘.......................
ओखर सिरत ले मन गदगदाये हे सुरत ल अब का देखव ।।
जब ले जाने हव ओला अपन सुरता कहां हे मोला ..
मोर अंतस म होही समाय हे मुहाटी ल अब का देखव ।।
जइसे मोर छांव मोर संग रेंगथे सुटुर सुटुर.........
मोर मन करथे धुकुर धुकुर ओखर मन ल अब का देखव ।।
चंदा के संगे संग चांदनी चंदा ल देखे चकोर....
पतंगा के दिया संग जरई अपन जरई ल अब का देखव ।।
मोर मया ओखर बर ओखर मया मोर बर.
मया घुर गे जस शक्कर म पानी अपन पानी ल अब का देखव ।।
............‘‘रमेश‘‘.......................
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