दाई बहिनी गाँव के, पारत हे गोहार । दारू भठ्ठी बंद हो, बचै हमर परिवार ।। बचै हमर परिवार, मंद मा मत बोहावय । लइका हमर जवान, इही मा झन बेचावय ।। जेखर सेती वोट, हमन दे हन गा भाई । वादा...
समृद्ध बस्तर, शोषित बस्तर- श्रीमती शकुंतला तरार
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श्रीमती शकुंतला तरार,एक ऐसी कवयित्री जो बस्तर में जन्मीं और बस्तर को ही
अपनी कलम का केन्द्र बनाया।सोचिए — जिस धरती पर जन्म हुआ, उसी पर इतनी गहराई
से लिखा क...
1 दिन पहले