चार दिन के सगा घरोधिया होगे ।
मोर घर के मन ह, परबुधिया होगे ।।1।।
का जादू करंजस, अइसन होईस रे
अपन समझेव, तेन बहुरूपिया होगे ।।2।।
कोनो ल सुहावत नईये मोरो भाखा
कइसन मोर लईका मन शहरिया होगे ।।3।।
घात फबयत रहिस भाखा के लुगरा
का करबे ओही लुगरा फरिया होगे ।।4।।
मोर बडका बड़का रहिस महल अटारी,
आज कइसन सकला के कुरिया होगे ।।5।।
जेन लईका ल पढायेंव तेने कहा अड़हा
लाज म मोर मुंह करिया करिया होगे ।।6।।
अपन घर ल पहिचान बाबू सपना ले जाग
देख निटोर के अब तो बिहनिया हो
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