पानी नदियां मा बढ़े, कइसे जाबो पार ।
भीड़ भरे हे घाट मा, कहां हे डोंगहार ।।
कहां हे डोंगहार, जेन हा खेवय डोंगा ।
रिमझिम हे बरसात, मुड़ी मा छाता चोंगा ।
जाना बहिनी गांव, तीज बर जोहे रानी ।
‘रमेष‘ करत विचार, दांव मा लगगे पानी ।।
- रमेशकुमार सिंह चौहान
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जाना बहिनी गांव, तीज बर जोहे रानी ।
जवाब देंहटाएं‘रमेष‘ करत विचार, दांव मा लगगे पानी ।।
..बहुत सुन्दर ..
आभार आपका
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