दू-चारठन मुक्तक -नवा जनरेशन
1. लइका कुछ बात मानय नहीं
(बहर-212 212 212)
लइका कुछ बात मानय नहीं
काम कुछु वो ह जानय नहीं
मैं ददा का करॅंव सोच के
कुछु करे बर कभू ठानय नहीं
2.तोर पूछी टेड़गा हे, मोर हा तो सोझ हे
(बहर-2122 2122 21222 212)
तोर पूछी टेड़गा हे, मोर हा तो सोझ हे
गोठ गुरतुर मोर हे, तोर हा नुनझुर डोझ हे
ये उखेनी आय तोरे, बात ला अब समझ
सोच येही हा हमर बर, आज भारी बोझ हे
3.. संस्कृति हा नवा जनरेशन म मरगे
टूरा मन नशा के टेशन म मरगे
टूरी मन नवा के फेशन म मरगे
काला का कही रे अपने ह बैरी
संस्कृति हा नवा जनरेशन म मरगे
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