होली के उमंग (त्रिभंगी छंद) हे होली उमंग, धरे सब रंग, आनी बानी, खुुुुशी भरे । ले के पिचकारी, सबो दुवारी, लइका ताने, हाथ धरे ।। मल दे गुलाल, हवे रे गाल, कोरा कोरा, जेन हवे। वो करे तंग, मया के रंग, तन मन तोरे, मोर हवे ।।
छत्तीसगढ़ी काव्य संग्रह आपरेशन एक्के घॉंव भाग-3
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निठुर जोही गवना लेवावन आजा निठुर जोही गवना लेवावन आजा, निठुर जोही गवना
लेवावन आजा, पानी गिरत है रिमझिम रिमझिम, दिन बीतत है गिन गिन। दहकत है
अंगारा मन में, …
1 दिन पहले