गीत
बोली ओखर तो, करूहा होगे ओ
बाबू के ददा हा , दरूहा होगे ना ।
मोरे ओ मयारू, रहिस अड़बड़ ......
पी अई के तो मारे, बइसुरहा होगे ना ।
रूसे कस डारा, डोलत रहिथे.......
बाका ओ जवान, धक धकहा होगे ना ।
फोकट के गारी, अऊ फोकट के मार.........
जीयवं कइसे गोई, धनी झगरहा होगे ना ।
पिलवा पिलवा लइका, मरवं कइसे........
जीनगी हा मोरे, अब अधमरहा होगे ना ।
-रमेशकुमार सिंह चौहान
बोली ओखर तो, करूहा होगे ओ
बाबू के ददा हा , दरूहा होगे ना ।
मोरे ओ मयारू, रहिस अड़बड़ ......
पी अई के तो मारे, बइसुरहा होगे ना ।
रूसे कस डारा, डोलत रहिथे.......
बाका ओ जवान, धक धकहा होगे ना ।
फोकट के गारी, अऊ फोकट के मार.........
जीयवं कइसे गोई, धनी झगरहा होगे ना ।
पिलवा पिलवा लइका, मरवं कइसे........
जीनगी हा मोरे, अब अधमरहा होगे ना ।
-रमेशकुमार सिंह चौहान
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