मन के परेवना
उड़ी-उड़ी के
दुनिया भर घूमत हे
ठोमहा भर मया होतीस
सुकुन के पेड़ जेन बोतीस
लहर लहर खुषी के लहरा
तन मन ला मोर भिगोतीस
आँखी मा सपना
देखी-देखी के
अपने तकिया चूमत हे
अरझे सूत ला खोलत-खोलत
अपने अपन मा बोलत-बोलत
जीनगी के फांदा मा फसे
चुरमुरावत हे डोलत-डोलत
अपने हाथ ला
चाब-चाब के
अपने आँखी ला घूरत हे
उड़ी-उड़ी के
दुनिया भर घूमत हे
ठोमहा भर मया होतीस
सुकुन के पेड़ जेन बोतीस
लहर लहर खुषी के लहरा
तन मन ला मोर भिगोतीस
आँखी मा सपना
देखी-देखी के
अपने तकिया चूमत हे
अरझे सूत ला खोलत-खोलत
अपने अपन मा बोलत-बोलत
जीनगी के फांदा मा फसे
चुरमुरावत हे डोलत-डोलत
अपने हाथ ला
चाब-चाब के
अपने आँखी ला घूरत हे
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