जात.पात ला छोड़व कहिथे, गिनती जे करथे ।
बाँट-बाँट मनखे के बोटी, झोली जे भरथे ।।
गढ़े सुवारथ के परिभाषा, जात बने कइसे ।
निरमल काया के पानी मा, रंग घुरे जइसे ।।
अगड़ी पिछड़ी दलित रंग के, मनखे रंग धरे ।
रंग खून के एक होय कहि, फोकट दंभ भरे ।
जात कहां रोटी-बेटी बर, कहिथे जे मनखे ।
आरक्षण बर जाति बता के, रेंगे हे तनके ।।
खाप पंचायत कोरी.कोरी, बनथे रोज नवा ।
एक बिमारी अइसन बाचे, बाढ़े रोज सवा ।।
बाँट-बाँट मनखे के बोटी, झोली जे भरथे ।।
गढ़े सुवारथ के परिभाषा, जात बने कइसे ।
निरमल काया के पानी मा, रंग घुरे जइसे ।।
अगड़ी पिछड़ी दलित रंग के, मनखे रंग धरे ।
रंग खून के एक होय कहि, फोकट दंभ भरे ।
जात कहां रोटी-बेटी बर, कहिथे जे मनखे ।
आरक्षण बर जाति बता के, रेंगे हे तनके ।।
खाप पंचायत कोरी.कोरी, बनथे रोज नवा ।
एक बिमारी अइसन बाचे, बाढ़े रोज सवा ।।
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