थपथपावत हे, बैरी आतंकी के पीठ
मुसवा कस बइठे, बैरी कोने घर के।
बिलई बन ताकव, सबो बिला ला झाकव
मुरकेटव ओखर, टोटा ला तो धर के ।
आघू मा जेन खड़े हे, औजार धरे टोटा मा
ओ तो पोसवा कुकुर, भुके बाचा मान के ।
धर-धर दबोचव, मरघटिया बोजव
जेन कुकर पोसे हे, ओला आघू लान के ।।
मुसवा कस बइठे, बैरी कोने घर के।
बिलई बन ताकव, सबो बिला ला झाकव
मुरकेटव ओखर, टोटा ला तो धर के ।
आघू मा जेन खड़े हे, औजार धरे टोटा मा
ओ तो पोसवा कुकुर, भुके बाचा मान के ।
धर-धर दबोचव, मरघटिया बोजव
जेन कुकर पोसे हे, ओला आघू लान के ।।
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