एती-तेती चारो कोती, ढोलक मादर संग,
मंदिर-मंदिर द्वारे-द्वारे, जस हा सुनात हे ।
चुन्दी छरियाये झूपे, कोनो बगियाये झूपे,
कोनो-कोनो साट बर, हाथ ला लमात हे ।।
दाई के भगत सबो, डंडासरन गिरय
अपन-अपन दुख, दाई ला सुनात हे ।
फूल-पान नरियर, चुरी-फिता लुगरा,
संगे-संग भगतन, श्रद्धा ला चढ़ात हे ।।
मंदिर-मंदिर द्वारे-द्वारे, जस हा सुनात हे ।
चुन्दी छरियाये झूपे, कोनो बगियाये झूपे,
कोनो-कोनो साट बर, हाथ ला लमात हे ।।
दाई के भगत सबो, डंडासरन गिरय
अपन-अपन दुख, दाई ला सुनात हे ।
फूल-पान नरियर, चुरी-फिता लुगरा,
संगे-संग भगतन, श्रद्धा ला चढ़ात हे ।।
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