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कतका झन देखे हें-

दामाखेड़ा धाम मा...

दामाखेड़ा धाम मा, हे साहेब कबीर । ज्ञानी ध्यानी मन जिहां, बइठे बने फकीर ।। सद्गुरू के वरदान ले, पाये ब्यालिस वंश । पंथ हुजुर साहेब मा, हे सद्गुरू के अंश ।। सत्यनाम साहेब हा, तोड़य जग जंजीर । दामाखेड़ा धाम मा... जानव अपने रूप ला, परे देह ले ठाढ़ । सत्यनाम साहेब वो, बात बने तैं काढ़ ।। बात धरव सब ध्यान से, देह नही जागीर । दामाखेड़ा धाम मा... मीठा अउ मीठास ला, सरगुन निरगुन मान । कोने काखर ले अलग, ध्यान लगा के जान ।। मनखे के घट घट बसय, सत्यनाम बलबीर । दामाखेड़ा धाम मा..

शिरड़ी के सांई कहय......

शिरड़ी के सांई कहय, सबके मालिक एक । जात धरम काहीं रहय, मनखे होवय नेक ।। सांई दीनानाथ हे, सच्चा संत फकीर । मनखे के सेवा करय, मेटे सबो लकीर ।। अइसन दीनानाथ के, करलव जी अभिशेक । शिरड़ी के सांई कहय...... मनखे के संतान हे, हिन्दू अउ इस्लाम । मनखे के अल्ला खुदा, मनखे के हे राम ।। काबर कोनो फेर तो, डगर खड़े हे छेक । शिरड़ी के सांई कहय.... मनखे के पीरा हरय, सबके सांई नाथ। भूख बिमारी मेट के, सबला करय सनाथ ।। मानव ओखर बात ला, अपने माथा टेक । शिरड़ी के सांई कहय....

जय बोलव सतनाम के...

जय बोलव सतनाम के, जय जय जय सतनाम । जय हो घासीदास के, जय जय जय जतखाम ।। सतगुरू अउ सतनाम के, करथे जेने जाप । छूट जथे हर बात के, ओखर तो संताप ।। बाबा के सत मा बनय, बिगड़े तोरे काम । जय बोलव सतनाम के... जीवन मा भर सादगी, झूठ लबारी छोड । लोभ मोह के बंधना, तिनका जइसे तोड़ ।। बाबा के आदेश ला, धर के आठो याम । जय बोलव सतनाम के... केवल पूजा पाठ ले, होय नही उद़धार । सत के रद्दा रेंग के, अपने करम सुधार ।। एक करम तो सार हे, करत रहव सत काम । जय बोलव सतनाम के...

चल रावण ला मारबो.

चल रावण ला मारबो, खोज खोज के आज । बाच जथे हर साल ओ, आवत हमला लाज ।। पुतला मा होतीस ता, रावण बर जातीस । घेरी घेरी हर बरस, फेर नई आतीस ।। बइठे हे ओ हर कहां, अपन सजाये साज । चल रावण ला मारबो.... कहां कहां हम खोजबो, का ओखर पहिचान । कोन बताही गा भला, कहां छुपाये जान ।। दस मुड़ दस अवगुण हवय, हवय अलग अंदाज । चल रावण ला मारबो... मरे राम के बाण ले, पाय राम ले सीख । जीव जीव मा वास कर, कोनो ला झन दीख ।। तोर मोर घट मा बसे, करत हवे ओ राज । चल रावण ला मारबो... दिखय नही अंतस अपन, हम करि कोन उपाय । पुतला ला अउ मारबो, ओही हमला भाय ।। आवन दे गा हर बरस, बेच खाय हे लाज । चल रावण ला मारबो...

चोर चोर ओ चोर हे

चोर चोर ओ चोर हे, परत हवे गोहार । वाटसाप अउ फेसबुक, ओखर हवे शिकार ।। एक डाड लिख ना सकय, कवि कहाय के साध । पढ़े लिखे वो चोर हा, करत हवे अपराध ।। शारद के परसाद के, करे ओ तिरस्कार । चोर चोर ओ चोर हे... सब अइसन ओ चोर ला, देवव दंड कठोर । खडे रहय बजार मा, ओ हर दांत निपोर ।। संगत ओखर छोड़ दव, मुख ला दै ओ टार । चोर चोर ओ चोर हे.. अतको मा मानय नही, कोरट रद्दा भेज । आखर के दुश्मन हवय, कइसे करि परहेज ।। नो हय हासे के बुता, लेवव काम सवार । चोर चोर ओ चोर हे....

होगे मोरे जीनगी

होगे मोरे जीनगी, कइसन ऊंच पहाड़ । सकला गे सब मास हा, बाचे केवल हाड़ ।। हाथ गोड़ होगे सगा, मोला तो बिसराय । मोरे आंखी मोर ले, आंखी अब चोराय ।। मन बैरी मानय नहीं, खड़े हवे जस ताड़ । होगे मोरे जीनगी... कुरिया खटिया टूटहा, रचे मोर संसार । भड़वा बरतन फूटहा, करिया करिया झार ।। मोर रंग मा रंग के, होगे सबो कबाड़ । होगे मोरे जीनगी.... नवा नवा समान हवे, जुन्ना के का काम । डारे जेला कोनहा, बेटा बहू तमाम ।। दोष कहां कुछु कोखरो, करथे सबो जुगाड । होगे मोरे जीनगी.. आंखी आंखी घूमथे, जुन्ना दिन हा मोर । रूप रंग के मोर तो, होवय कतका शोर ।। मोला देखे काम मा, समा जवय जब जाड़ । होगे मोरे जीनगी.. -रमेश चौहान

दे दाई कुछु खाय

बेटा- बासी दे के भात दे, दे दाई कुछु खाय । सांय सांय जी हा करय, कुछु ना तो भाय ।। दाई-  दाना दाना खोज के, लेहूं भात बनाय । बेटा थोकिन सांस ले, बासी घला सिराय ।। बेटा- ठोमा ठोमा मांग के, ठोमा ना पाऐंव । गे रहेंव आंसू धरे, आंसू धर आऐंव ।। दाई- पानी हे आंसू हमर, पथरा हे भगवान । निरधन के तैं छोकरा, का तोरे हे मान ।। बेटा- भूख प्यास जानय नही, काबर अइसन बात । भर जातीस पेट हमर, दुच्छा देखत जात ।। दाई- गरीबहा बन पाप ला, भोगे भर आयेंन । भूख प्यास के मार ला, खूबे हम खायेंन ।। -रमेश चौहान

दुनिया मा तैं आय के, माया मा लपटाय

दुनिया मा तैं आय के, माया मा लपटाय । असल व्यपारी हे कहां, नकली के भरमार । कोनो पूछय ना असल, जग के खरीददार ।। असल खजाना छोड़ के, नकली ला तैं भाय ।। दुनिया मा तैं आय के..... का राखे हे देह के, माटी चोला जान । जाना चोला छोड़ के, झन कर गरब गुमान ।। मोर मोर तैं तो कहे, अपने गाना गाय ।। दुनिया मा तैं आय के..... कागज के डोंगा बनक, बने देह हा तोर । नदिया के मजधार मा, देही तोला बोर ।। माया रतिया सोय के, सपना मा हरशाय ।। दुनिया मा तैं आय के..... परे विपत मा देख ले, आथे कोने काम ।। छोड़ जगत के आस ला, भज ले सीताराम । मनखे तन ला पाय के, बिरथा झन गंवाय ।। दुनिया मा तैं आय के.....

गढ़बो अपने देश

जुरमिल संगी चलव सब, गढ़बो अपने देश । मनखे हा मनखे रहय, कइसनो होवय वेश ।। देश भक्ति के राग मा, देवत अपने ताल । भारत माता एक हे, हम सब ओखर लाल ।। जाति धरम के रूंधना, टोर-टार के लेश । जुरमिल संगी चलव सब.... हर मंदिर के षंख हा, करय एक जयकार । मस्जिद के अजान घला, करय खूब गोहार । जय जय मइया भारती, जय जय भारत देश । जुरमिल संगी चलव सब.... भात मिलय हर पेट ला, सबो हाथ ला काम । निरधन अउ बनिहार ला, मिलय बरोबर दाम ।। मिलजुल रद्दा खोजबो, झन जावव परदेश । जुरमिल संगी चलव सब... षासन चारा छोड़ के, नेता फांदा टोर । हाथ हाथ सब जोर के, करत नवा अंजोर ।। अपने झगरा मेटबो,  मेटत सबो कलेश । जुरमिल संगी चलव सब

दाई, दाई शक्ति ओ

दाई दाई शक्ति ओ, भगतन करत पुकार । तोरे हमला आसरा, करव हमर उद्धार ।। चांदावन के पार मां, आदि शक्ति के ठांव । भक्त शक्ति दाई कहय, शीतल जेखर छांव ।। जेन दरद ला मेटथे, सुने भगत गोहार । दाई दाई शक्ति ओ.... हवय नवागढ़ खार अउ, मुरता गांवे बीच । महिमा ला बगराय के, भगतन लेवत खीच । लगे रेम हे भक्त के, धरे मनौती झार । दाई दाई शक्ति ओ..... जगमग जगमग जोत करय, जब आये नवरात । ढोलक मादर थाप ले, तोरे जस सब गात ।। नौ दिन अउ नव रात ले, करत तोर जयकार । दाई दाई शक्ति ओ.... दाई सुन के तोर जस, मांगे भगत मुराद । कोनो दौलत मांगते, कोनो मुख संवाद । कोनो मांगे नौकरी, कोनो लइका प्यार । दाई दाई शक्ति ओ... सबके पोछे आसु तैं, अपन गोद बइठाय । हॅसत गात तब तो भगत, अपने द्वारे जाय । जय हो दाई षक्ति के, करत सबो जयकार । दाई दाई शक्ति ओ...

कब लाबे बारात

नायक सरर-सरर डोलत हवय, तोर ओढ़नी छोर । संग केष मुॅह ढाक के, रूप निखारे तोर ।। नायिका झुलुप उड़े जब तोर गा, मन हरियावय मोर । चमक सुरूज कस हे दिखय, मुखड़ा के तो तोर ।। नायक गरहन लागय ना तोर मुॅह, चकचक ले अंजोर । चंदा कामा पूरही, अइसन मुखड़ा तोर । नायिका गज भर छाती तोर हे, लंबा लंबा बाह । झूला झूलत मैं कभू,  कहां पायेंव थाह ।। नायक कारी चुन्दी के घटा, छाये हे घनघोर । भीतर  मैं धंधाय हॅव, निकलव कोने कोर ।।   नायिका बोली तोरे मोहनी, राखे मोला घोर । जांव भला मैं कोन विधि, संगे तोरे छोर । नायक छोड़ जगत के बंधना, बांध मया के गांठ । जनम जनम के मेल कर, खाई ला दी पाट ।। नायिका हवे अगोरा रे धनी, कब लाबे बारात । आके तोरे अंगना, करॅव मया बरसात ।।

अंखियन के बात हा

मोरे तैं मन मोहनी, आंखी पुतरी मोर। मोरे तैं दिल जोंगनी, मोरे तैं अंजोर ।। सुघ्घर सपना मोर तैं, आंखी काजर मोर । धड़कन दिल के तैं हवस, मोहन कस चित चोर ।। धरे करेजा हाथ मा, जोहत रद्दा तोर । धक धक मोरे दिल करय, सुन पैरी के शोर ।। छुईमुई बानी हवय, धनी चेहरा मोर । देखे के मन लालषा, तोपॅव अचरा छोर ।। लकड़ी मा आगी बरे, आगी जभे लगाय । जोत मया के हे जले, जब हम नजर मिलाय ।। अंखियन के बात हा, सिरतुन गजब सुहाय । नजर परे जब नजर ले, बैरी कोन हटाय ।। बैरी कोनो ना जगत, बैरी तहीं कहाय । लुका-लुका तैं देखथस, जियरा मोर जलाय ।। लोकलाज का जानबे, टूरा बन तैं आय । गहना मोरे लाज के, तोही ला तो भाय ।।

लाल बहादुर लाल हे

लाल बहादुर लाल हे, हमर देष के शान । सीधा-सादा सादगी, जेखर हे पहिचान ।। सैनिक मन के हौसला, जेन बढ़ाये घात । भुईया के भगवान के, करे पोठ जे बात ।। दे नारा जय जवान अउ, जय हो हमर किसान । लाल बहादुर लाल हे.... निर्धनता ला जेन हा, माने ना अभिशाप । मुखिया होके देश के, छोड़े अपने छाप ।। राज धरम के जेन हा, करे खूब सम्मान । लाल बहादुर लाल हे.... खास आम सब ले कहे, मात्र एक संदेश । करव कर्तव्य सब अपन, आवय सबके देश ।। तुहर भरोसा देश हे, जेखर तुहीं मितान । लाल बहादुर लाल हे...

धर गांधी के बात ला

धर गांधी के बात ला, अपने अचरा छोर । सत्य अहिंसा के डहर, रेंगव कोरे कोर ।। दिखय चकाचक गांव हा, अइसे कर तैं काम । दूर करव सब गंदगी, होवय जउन तमाम ।। साफ सफाई होय ना, तन-मन के गा तोर । धर गांधी के बात ला.... मार काट ला छोड़ के, जोत शांति के बार । पर धन नारी देख के, कर झन अत्याचार ।। अपन आचरण कर सुघर, झन तैं दांत निपोर । धर गांधी के बात ला.... गलती दूसर के दिखय, भीतर देखे कोन । मन के दरपन हाथ मा, काबर बइठे मोन ।। सच हा सच होथे सदा, रखे जेन झकझोर । धर गांधी के बात ला... महावरी के पाठ हे, ईसु बढ़ाये मान । बाबा घासी दास हा, करे हवे फरमान ।। राम रहिम के देश मा, सच ईश्वर हे तोर । धर गांधी के बात ला.....

दाई नवगढ़हिन

दाई नवगढ़हिन हवय, माना तरिया पार । नाव महामाया हवय, महिमा हवय अपार ।। लाल बरन दाई हवय, जिभिया लाल लमाय । लाली चुनरी ओढ़ के, अपन दया बगराय ।। कहन डोकरी दाई हमन, करके मया दुलार । दाई नवगढ़हिन हवय .. दाई मयारू घात हे, पुरखा हमर बताय । सबो भगत के दुख दरद, सुनते जेन मिटाय ।। राज पहर ले हे बसे, किल्ला पुछा कछार । दाई नवगढ़हिन हवय... मंदिर तरिया घाट हा, बनते बनते जाय । फेर बिराजे दाई इहां, आसन एक जमाय ।। ददा बबा ले आज तक, करत हमर उद्धार । दाई नवगढ़हिन हवय....

जय हो मइया शारदे

जय हो मइया शारदे, पांव पखारॅंव तोर । तोरे दर मा आंय हॅंव, बिनती सुन ले मोर । बइठे सादा हंस मा, करे सेत सिंगार । सादा लुगरा तोर हे, सादा गहना झार ।। सादा के ये सादगी, ममता के हे डोर । तोरे दर मा आंय हॅंव. एक हाथ वीणा हवय, दूसर वेद पुराण । वीणा के झंकार हा, डारे जग मा जान ।। वेद ज्ञान परकाश हा, करत हवे अंजोर। तोरे दर मा आंय हॅंव. ज्ञान समुंदर तैं हवस, अविरल अगम अथाह । कोनो ज्ञानी हे कहां, पावय जेने थाह ।। तोर दया ला पाय बर, बिनय करत कर जोर । तोरे दर मा आंय हॅंव.

चरण पखारॅंव तोर प्रभु

चरण पखारॅंव तोर प्रभु, श्रद्धा भेट चढाय । तोरे मूरत ला अपन, हिरदय रखॅव मढाय ।। हाथी जइसे मुॅह हवय, सूपा जइसे कान । हउला जइसे पेट हे, लइका के भगवान ।। तोरे अइसन रूप हा, तोर भगत ला भाय । चरण पखारॅंव तोर प्रभु.... सहज सरल तो तैं हवस, सब ला देत अषीश । लइका मन तोला अपन, संगी कर डारीष ।। लाये तोरे मूरती, घर-घर मा पघराय । चरण पखारॅंव तोर प्रभु... जम्मो बाधा मेटथस, पाय भगत गोहार । कारज के षुरूवात मा, करथन तोर पुकार ।। विघ्न हरन तब तो जगत, तोरे नाम धराय । चरण पखारॅंव तोर प्रभु..... ...©-रमेश चौहान

आजा मोरे अंगना, हे गणपति गणराज

आजा मोरे अंगना, हे गणपति गणराज । गाड़ा गाड़ा नेवता, तोला हे महराज ।। भादो के महिना हवय, अउ अंजोरी पाख । तोर जनम दिन के बखत, दया मया ले ताख ।। तोरे जस हम गात हन, सुन ले प्रभु आवाज । आजा मोरे अंगना... तीन लोक चउदा भुवन, करे ज्ञान परकास । तही बुद्वि दाता हवस, हवे जगत ला आस । विघ्न हरण मंगल करण, कर दे पूरा काज । आजा मोरे अंगना... नान नान लइका हमन, तोर चरण मा जाय । करबो पूजा आरती, मोदक भोग लगाय ।। मूरख अज्ञानी हवन, रख दे हमरे लाज । आजा मोरे अंगना... गली गली हर गांव मा, तोरे हे जयकार । मूषक वाहन साज के, सजा अपन दरबार ।। अपन भगत के मान रख, होवय तोरे नाज । आजा मोरे अंगना...

नोनी के दाई अभी

नोनी के दाई अभी, गे हे मइके गाॅंव । मोरे बारा हाल हे, कोने हाल बताॅंव ।। तीजा पोरा नेंग हा, अलहन लागे झार । चूल्हा चउका के बुता, देथे मोला मार ।। भड़वा बरतन मांज के, अपन आंसू बोहाॅव । नोनी के दाई अभी... कभू भात गिल्ला बनय, कभू जरय गा माढ़ । साग बनय ना तो कभू, झोरे लगय असाढ़ ।। अपने मन ला मार के, अदर-कचर मैं खाॅंव । नोनी के दाई अभी... बड़ सुन्ना घर-बार हे, चाबे भिथिया आज । अपने घर आने लागे, कहत आत हे लाज ।। सांय-सांय अंतस करय, मन ला कहां लगांव । नोनी के दाई अभी... कहूं होतीस मोर गा, कोनो बहिनी एक । तीजा हा मोला तभे, लागतीस गा नेक ।। बिन बहिनी के ये दरद, काला आज बताॅंव । नोनी के दाई अभी...

डहत हवे गा बेंदरा

डहत हवे गा बेंदरा, कूद कूद अतलंग । खपरा परवा छानही, दिखत हवय बदरंग ।। तरई आंजन छानही, खपरा गे सब फूट । लड़त हवे गा हूड़का, एक दूसर म टूट ।। मोठ डाठ हे ओ दिखत, कतका दिखत मतंग । डहत हवे गा बेंदरा... बारी बखरी मैदान हे, खेले जिहां घुलंड । दरबर दरबर आय के, बने हवें बरबंड ।। देखव ईंखर काम हा, लगत हवे बड़बंग । डहत हवे गा बेंदरा... (बरबंड-पहलवान, बडबंग-बेढंगा) थक गे सब रखवार हा, इहां बेंदरा भगात । चारे दिन के चांदनी, फेर कुलूपे रात ।। सोचय कुछु सरकार हा, कइसे बदलय ढंग । डहत हवे गा बेंदरा... जंगल झाड़ी काट के, मनखे करे कमाल । रहय कहां अब बेंदरा, अइसन हे जब हाल ।। छाती मा ओ कूद के, लड़त हवे ना जंग । डहत हवे गा बेंदरा...

मोर दूसर ब्लॉग