सत्य अहिंसा के डहर, रेंगव कोरे कोर ।।
दिखय चकाचक गांव हा, अइसे कर तैं काम ।
दूर करव सब गंदगी, होवय जउन तमाम ।।
साफ सफाई होय ना, तन-मन के गा तोर । धर गांधी के बात ला....
मार काट ला छोड़ के, जोत शांति के बार ।
पर धन नारी देख के, कर झन अत्याचार ।।
अपन आचरण कर सुघर, झन तैं दांत निपोर । धर गांधी के बात ला....
गलती दूसर के दिखय, भीतर देखे कोन ।
मन के दरपन हाथ मा, काबर बइठे मोन ।।
सच हा सच होथे सदा, रखे जेन झकझोर । धर गांधी के बात ला...
महावरी के पाठ हे, ईसु बढ़ाये मान ।
बाबा घासी दास हा, करे हवे फरमान ।।
राम रहिम के देश मा, सच ईश्वर हे तोर । धर गांधी के बात ला.....
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