जय हो मइया शारदे, पांव पखारॅंव तोर ।
तोरे दर मा आंय हॅंव, बिनती सुन ले मोर ।
बइठे सादा हंस मा, करे सेत सिंगार ।
सादा लुगरा तोर हे, सादा गहना झार ।।
सादा के ये सादगी, ममता के हे डोर । तोरे दर मा आंय हॅंव.
एक हाथ वीणा हवय, दूसर वेद पुराण ।
वीणा के झंकार हा, डारे जग मा जान ।।
वेद ज्ञान परकाश हा, करत हवे अंजोर। तोरे दर मा आंय हॅंव.
ज्ञान समुंदर तैं हवस, अविरल अगम अथाह ।
कोनो ज्ञानी हे कहां, पावय जेने थाह ।।
तोर दया ला पाय बर, बिनय करत कर जोर । तोरे दर मा आंय हॅंव.
तोरे दर मा आंय हॅंव, बिनती सुन ले मोर ।
बइठे सादा हंस मा, करे सेत सिंगार ।
सादा लुगरा तोर हे, सादा गहना झार ।।
सादा के ये सादगी, ममता के हे डोर । तोरे दर मा आंय हॅंव.
एक हाथ वीणा हवय, दूसर वेद पुराण ।
वीणा के झंकार हा, डारे जग मा जान ।।
वेद ज्ञान परकाश हा, करत हवे अंजोर। तोरे दर मा आंय हॅंव.
ज्ञान समुंदर तैं हवस, अविरल अगम अथाह ।
कोनो ज्ञानी हे कहां, पावय जेने थाह ।।
तोर दया ला पाय बर, बिनय करत कर जोर । तोरे दर मा आंय हॅंव.
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