नाव महामाया हवय, महिमा हवय अपार ।।
लाल बरन दाई हवय, जिभिया लाल लमाय ।
लाली चुनरी ओढ़ के, अपन दया बगराय ।।
कहन डोकरी दाई हमन, करके मया दुलार । दाई नवगढ़हिन हवय ..
दाई मयारू घात हे, पुरखा हमर बताय ।
सबो भगत के दुख दरद, सुनते जेन मिटाय ।।
राज पहर ले हे बसे, किल्ला पुछा कछार । दाई नवगढ़हिन हवय...
मंदिर तरिया घाट हा, बनते बनते जाय ।
फेर बिराजे दाई इहां, आसन एक जमाय ।।
ददा बबा ले आज तक, करत हमर उद्धार । दाई नवगढ़हिन हवय....
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