चल रावण ला मारबो, खोज खोज के आज ।
बाच जथे हर साल ओ, आवत हमला लाज ।।
पुतला मा होतीस ता, रावण बर जातीस ।
घेरी घेरी हर बरस, फेर नई आतीस ।।
बइठे हे ओ हर कहां, अपन सजाये साज । चल रावण ला मारबो....
कहां कहां हम खोजबो, का ओखर पहिचान ।
कोन बताही गा भला, कहां छुपाये जान ।।
दस मुड़ दस अवगुण हवय, हवय अलग अंदाज । चल रावण ला मारबो...
मरे राम के बाण ले, पाय राम ले सीख ।
जीव जीव मा वास कर, कोनो ला झन दीख ।।
तोर मोर घट मा बसे, करत हवे ओ राज । चल रावण ला मारबो...
दिखय नही अंतस अपन, हम करि कोन उपाय ।
पुतला ला अउ मारबो, ओही हमला भाय ।।
आवन दे गा हर बरस, बेच खाय हे लाज । चल रावण ला मारबो...
बाच जथे हर साल ओ, आवत हमला लाज ।।
पुतला मा होतीस ता, रावण बर जातीस ।
घेरी घेरी हर बरस, फेर नई आतीस ।।
बइठे हे ओ हर कहां, अपन सजाये साज । चल रावण ला मारबो....
कहां कहां हम खोजबो, का ओखर पहिचान ।
कोन बताही गा भला, कहां छुपाये जान ।।
दस मुड़ दस अवगुण हवय, हवय अलग अंदाज । चल रावण ला मारबो...
मरे राम के बाण ले, पाय राम ले सीख ।
जीव जीव मा वास कर, कोनो ला झन दीख ।।
तोर मोर घट मा बसे, करत हवे ओ राज । चल रावण ला मारबो...
दिखय नही अंतस अपन, हम करि कोन उपाय ।
पुतला ला अउ मारबो, ओही हमला भाय ।।
आवन दे गा हर बरस, बेच खाय हे लाज । चल रावण ला मारबो...
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