बासी दे के भात दे, दे दाई कुछु खाय ।
सांय सांय जी हा करय, कुछु ना तो भाय ।।
दाई-
दाना दाना खोज के, लेहूं भात बनाय ।
बेटा थोकिन सांस ले, बासी घला सिराय ।।
बेटा-
ठोमा ठोमा मांग के, ठोमा ना पाऐंव ।
गे रहेंव आंसू धरे, आंसू धर आऐंव ।।
दाई-
पानी हे आंसू हमर, पथरा हे भगवान ।
निरधन के तैं छोकरा, का तोरे हे मान ।।
बेटा-
भूख प्यास जानय नही, काबर अइसन बात ।
भर जातीस पेट हमर, दुच्छा देखत जात ।।
दाई-
गरीबहा बन पाप ला, भोगे भर आयेंन ।
भूख प्यास के मार ला, खूबे हम खायेंन ।।
-रमेश चौहान
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