अरे बेटा, गोठ सुन तो, चलय काम कइसे ।
घूमत हवस, चारो डहर, घूमय मन जइसे ।।
चारो डहर, नौकरी ला, खोजत हस दुनिया ।
आसा छोड़, अब येखरे, ये हे बैगुनिया ।।
जांगर पेर, काम करथे, घर के ये भइसा ।
खेत जाबो, हम कमाबो, पाबो दू पइसा ।।
तोर अक्कल, येमा लगा, कर खेती बढ़िया ।
ठलहा होय, बइठ मत तैं, बन मत कोढ़िया ।।
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