लख चैरासी तैं भटक, पाय मनुज के देह ।
ऐती-तेती देख झन, कर ले प्रभु मा नेह ।।
का लेके तैं आय हस, का ले जाबे साथ ।
आना खाली हाथ हे, जाना खाली हाथ ।।
अगम गहिर जग रीत हे, निभा सकय ना जीव ।
राम राम भज राम तैं, भजे हवय गा सीव ।।
कहे हवय सतसंग के, घाते महिमा संत ।
संत चरण मा जायके, अपन बना ले कंत ।।
ऐती-तेती देख झन, कर ले प्रभु मा नेह ।।
का लेके तैं आय हस, का ले जाबे साथ ।
आना खाली हाथ हे, जाना खाली हाथ ।।
अगम गहिर जग रीत हे, निभा सकय ना जीव ।
राम राम भज राम तैं, भजे हवय गा सीव ।।
कहे हवय सतसंग के, घाते महिमा संत ।
संत चरण मा जायके, अपन बना ले कंत ।।
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