दुरगा चण्ड़ी के देस मा, नारी हवय महान ।
करत हवे सब काम ला, अबला झन तैं जान ।।
अबला झन तैं जान, पुरूस ले अब का कम हे ।
देख ओखरे काम, पुरूस जइसे तो दम हे ।।
धरती ले आगास, जेन लहराये झण्ड़ी ।
सेना पुलिस काम, करे बन दुरगा चण्ड़ी ।।
ठाने हन हम छोकरी, करना हे हर काम ।
माने जेला छोकरा, केवल अपने नाम ।।
केवल अपने नाम, जगत मा हे अब करना ।
नई हवे मंजूर, पांव के दासी रहना ।।
चार दुवारी छोड़, जगत ला अपने माने ।
कठिन कठिन हर काम, करे बर हम तो ठाने ।।
करत हवे सब काम ला, अबला झन तैं जान ।।
अबला झन तैं जान, पुरूस ले अब का कम हे ।
देख ओखरे काम, पुरूस जइसे तो दम हे ।।
धरती ले आगास, जेन लहराये झण्ड़ी ।
सेना पुलिस काम, करे बन दुरगा चण्ड़ी ।।
ठाने हन हम छोकरी, करना हे हर काम ।
माने जेला छोकरा, केवल अपने नाम ।।
केवल अपने नाम, जगत मा हे अब करना ।
नई हवे मंजूर, पांव के दासी रहना ।।
चार दुवारी छोड़, जगत ला अपने माने ।
कठिन कठिन हर काम, करे बर हम तो ठाने ।।
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