एक आसरा सार हे,
बाकी सब बेकार ।
जिनगी पानी फोटका, बनते बिगड़े जाय ।
का राखे हे देह के, कब जग ले बिलगाय ।।
जेखर हम उपजाय हन, ओही तो हे सार ।। एक आसरा सार हे.....
खेल कूद लइकापन म, जानेन एक बात ।
भरे जवानी मा घला, मिले हवे सौगात ।।
सुख के संगी सब हवय, दुख मा हे लाचार ।। एक आसरा सार हे.....
मोर मोर तैं तो कहे, कोन चीज हे तोर ।
जग मा आके पाय हस, आंखी देख निटोर ।।
मुठठी बांधे आय हन, जाबो हाथ पसार ।। एक आसरा सार हे.....
जग के मालिक एक हे, लाखों नाम धराय ।
करता धरता तोर तो, नजर कहां हे आय ।।
अंतस अंतस हे बसे, खोजे हस संसार ।। एक आसरा सार हे.....
भज ले ओही राम ला, बोल खुदा के नाम ।
समरथ सिराय तोर जब, आही वोही काम ।।
मनखे तन ला पाय के, संतन गोठ सवार ।। एक आसरा सार हे.....
बाकी सब बेकार ।
जिनगी पानी फोटका, बनते बिगड़े जाय ।
का राखे हे देह के, कब जग ले बिलगाय ।।
जेखर हम उपजाय हन, ओही तो हे सार ।। एक आसरा सार हे.....
खेल कूद लइकापन म, जानेन एक बात ।
भरे जवानी मा घला, मिले हवे सौगात ।।
सुख के संगी सब हवय, दुख मा हे लाचार ।। एक आसरा सार हे.....
मोर मोर तैं तो कहे, कोन चीज हे तोर ।
जग मा आके पाय हस, आंखी देख निटोर ।।
मुठठी बांधे आय हन, जाबो हाथ पसार ।। एक आसरा सार हे.....
जग के मालिक एक हे, लाखों नाम धराय ।
करता धरता तोर तो, नजर कहां हे आय ।।
अंतस अंतस हे बसे, खोजे हस संसार ।। एक आसरा सार हे.....
भज ले ओही राम ला, बोल खुदा के नाम ।
समरथ सिराय तोर जब, आही वोही काम ।।
मनखे तन ला पाय के, संतन गोठ सवार ।। एक आसरा सार हे.....
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